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Tuesday, December 31, 2013

अरविंद केजरीवाल कितने सफल हो पाएंगे ?

मैं नहीं जानता, अरविंद केजरीवाल कितने सफल हो पाएंगे। उनकी पार्टी और उनके साथी इस देश से और समाज से करप्शन को किस हद तक मिटा पाएंगे, राजनीति को कितना शुद्ध कर पाएंगे? लेकिन मैं उनको और उनके तमाम साथियों को इस बात के लिए सलाम करता हूं कि उन्होंने कोशिश की। भगत सिंह इस मुल्क को आज़ाद नहीं करा पाए, फांसी पर झूल गए, नेताजी भी विफल रहे और संभवतः हवाई दुर्घटना में मारे गए। लेकिन ये वे लोग थे जिन्होंने प्रयास किया। अरविंद केजरीवाल की यह बात बार-बार कानों में गूंजती है कि यदि राजनीति ...कीचड़ है तो हमें इस कीचड़ में घुसकर ही उसे साफ करना होगा और यदि नहीं कर पाए और नष्ट हो गए तो हम समझेंगे कि देश के लिए कुर्बानी दे दी।

मेरी निगाह में वह हर इंसान अरविंद केजरीवाल है जो कर्म के इस सिद्धांत में विश्वास करता है कि फल की संभावना न्यूनतम हो तो भी हमें एक बेहतर समाज के लिए प्रयास करना है, लगातार प्रयास करना है, और प्रयास के दौरान असफल होने, यहां तक कि सर्वस्व होम हो जाने का खतरा भी उठाना है। यह भावना बहुत कम लोगों में होती है। हम जैसे सामान्य लोगों में तो यह बिल्कुल नहीं है। हम बहुत जल्दी हार माननेवालों में हैं। हम यदि कुछ बेहतर पाना और कभी-कभी देना भी चाहते हैं तो भी इस पाने और देने के बदले में अपना कुछ भी खोना नहीं चाहते। हम स्वार्थी और आत्मकेंद्रित लोग हैं। हम क्रांतिकामी हैं लेकिन क्रांतिकारी नहीं हैं। हम समाज को बदलनेवालों में नहीं है। हम खामोश रहकर तमाशा देखनेवाले लोग हैं। इसीलिए हम अरविंद केजरीवाल और चारु मजूमदार नहीं हैं। हम जुलिअन असांज और एडवर्ड स्नोडन भी नहीं हैं।

देश और दुनिया के समस्त अरविंद केजरीवालो, हमें माफ करना। हम कमज़ोर लोग हैं, हम डरपोक लोग हैं, लेकिन हम तुमसे प्यार करते हैं और हम तुमको सलाम करते हैं। हम चाहते हैं कि तुम अपनी कोशिशों में कामयाब रहो ताकि इस हताशा के माहौल में उम्मीद के दीए जलें और इस देश में हज़ारों-लाखों केजरीवाल पैदा हो सके .

Saturday, December 14, 2013

क्या अन्ना का अनशन फिक्स था ?


1. अन्ना कहते थे भ्रष्टाचार से सब से ज्यादा दुखी वो आम आदमी है , जिसे राशन कार्ड बनाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है ,जिस गांव में शहर में छोटे छोटे काम करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है , इस लिया निचले स्तर के सरकारी अधिकारी तो लोकपाल के दायरे में आने ही चाहिए ,

आज क्या हुआ अन्ना अपनी ही जुबान से पलट गए ,

2. अगर केंद्र में लोकपाल होगा तो राज्य में लोकायुक्त होना चाहिए , फिर ही भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती नहीं , ये भी अन्ना कहते थे , 

आज क्या हुआ अन्ना इस बात से भी पलट गए ,

3. अन्ना कहते थे हर सरकारी काम कि समय सीमा होनी चाहिए , 

आज क्या हुआ अन्ना इस बात से भी पलट गए ,

ye sawal to banta hai ,

क्या अन्ना का अनशन फिक्स था ?


P.S. : Pls excuse me if this hurt anyone, I have no intention of the same. Sorry if so.

Is this end of Anna's Magic ?

इस फिक्स अनशन के साथ ही अन्ना युग और अन्ना का जादू खत्म हो गया ,

अन्ना जी आपने देश को धोखा दिया है , देश ने आप पर विश्वास किया था आपका का साथ दिया था और आपने क्या किया कांग्रेस बीजेपी के साथ खड़े हो गए , अन्ना जी आपने मनमोहन जी को कितने ही ख़त लिखे एक ख़त में ये भी लिख देते मुझे सरकारी लोकपाल मंजूर है तो ये अनशन का ड्रामा नहीं करना पड़ता , अन्ना जी देश को आप से ये उम्मीद नहीं थी ,

मैं आज दाबे के साथ कहता हूँ अन्ना जी अब आप अकेले रेह जायेंगे ,जिन्होंने आपका फायदा उठाना था सरकारी लोकपाल आप से मंजूर करवा उठा चुके , अब वो आपको भूल जायेंगे , देश आपका जितना सम्मान करता था या है उसकी आपने कदर नहीं की ,

अन्ना जी आप तो जिंदगी के आखरी पड़ाव पर हैं , फिर आपको किस बात का डर या लालच , अगर आप चुप भी रहते फिर भी हर दिल में आपके लिए सम्मान था , देश जानना चाहता है अन्ना जी आपने ऐसा क्यों किया ? देश को आज लग रहा है "कोई उसे लूट रहा है ,कोई उसे धोखा दे रहा है"

आप से ये उम्मीद तो ना थी ,
धोखा देने को कांग्रेस बीजेपी क्या कम थे


Friday, December 13, 2013

Anna Anshan and Raajneeti ?

आज तक ये चर्चा हुई है अन्ना को किसने धोखा दिया , ये चर्चा क्यों नहीं हुई अन्ना ने किसको धोखा दिया ?

वो करोडॉ लोग जिन्होंने अन्ना के अनशन के वक़्त उनका साथ दिया वो खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्युकी वो समझ नहीं पा रहे आखिर अन्ना चाहते क्या हैं ,
अन्ना ने कहा अरविन्द और मेरे रास्ते अलग हुए हैं मंजिल एक है ,
अन्ना ने कहा अरविन्द अगर ईमानदार राजनीति करेंगे मैं साथ दूंगा ,
अन्ना ने कहा अरविन्द ईमानदार हैं ,
अन्ना ने कहा अरविन्द ने मुझे धोखा नहीं दिया ,

अन्ना कहते हैं की उन्होंने आज तक 5 रूपये को हाथ नहीं लगाया , उनके पास कोई पैसा नहीं है , टीम अन्ना जब टूटी तो चंदे का सारा पैसा अरविन्द के पास था अरविन्द देने भी आये थे मगर उन्होंने लिया नहीं ,

अन्ना ये तो बताते हैं चंदे के पैसे का कोई हिसाब उनके पास नहीं मगर ये क्यों नहीं बताते की उन्होंने हिसाब के लिए रालेगण से अपनी टीम भेजी थी जिसने पैसे पैसे का हिसाब चैक किया था ,

आधा सच झूठ से भी घातक होता है ,

आज चंदे के पैसे पर काफी बबाल हो रहा है , जो आज अन्ना के साथ हैं वो अरविन्द से हिसाब मांग रहे हैं ,

मगर पिछले 1 साल से अन्ना पूरे देश में घूम रहे हैं 70 हज़ार किलोमीटर यात्रा कर चुके हैं , सैंकड़ो रैली कर चुके हैं , मगर कोई नहीं बताता ये सब करने के लिए चंदा कहा से आया , कौनसी राजनितिक पार्टी ये सब करा रही है , कौनसी पार्टी अन्ना पर पैसा खरच कर रही है ,

अरविन्द ,कुमार विश्वास ,मनीष , किरण बेदी , कल अन्ना कि टीम थी ,
आज अन्ना की कौनसी टीम है देश जानना चाहता है 







What is happening at Anna Manch


आज तो कमाल हो गया , जो भाषा कांग्रेस और बीजेपी वाले बोलते थे वही भाषा अन्ना की स्टेज से V.K.Singh बोलने लगे , बिलकुल मोदी वाली भाषा , जब गोपाल राये ने कहा आप राजनीति ना करे जनलोकपाल पर बात करे , इस पर अन्ना ने भी V.K.Singh का साथ दिया और गोपाल राये को रालेगण से बाहर जाने को बोल दिया , इस बार पता नहीं क्या हो रहा है अन्ना के अनशन में "आंदोलन या राजनीति " समझ से परे है, 

अन्ना के आसपास चौथी दुनिया के लोग हैं , चौथी दुनिया के तार मोदी और बीजेपी से जुड़े हुए हैं , पता नहीं क्यों अन्ना को कुछ दिखाई क्यों नहीं दे रहा जा ये हो सकता है अन्ना कुछ देखना नहीं चाहते.



Who battered Anna ?

किरण बेदी जी ने कहा ,
कांग्रेस ज्यादा भ्रष्ट है और बीजेपी कम भ्रष्ट है ,इस लिए हमे बीजेपी का समर्थन करना चाहिए ,
जब अन्ना जी से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था ,
मुझे नहीं पता किरण ने क्या कहा , मैं किरण से बात करूँगा ,

V.K.Singh अन्ना के साथ देश भर में रैली कर रहे थे ,तभी वो नरिंदर मोदी की रैली में चले गए ,
जब अन्ना जी से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था ,
मुझे नहीं पता , मैं V.K.Singh से बात करूँगा ,

आज अन्ना कार्ड पर काफी विवाद हो रहा है ,
जब अन्ना से इस बारे में पूछा गया तो अन्ना का जवाब था ,
मुझे किसी अन्ना कार्ड के बारे में पता नहीं , मेरे नाम का इस्तमाल गलत है ,

जब अन्ना से पूछा गया बाबा रामदेव बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं तो उनका जवाब था मुझे नहीं पता अगर ऐसा है तो मेरे और उनके रास्ते अलग होंगे ,

अरविन्द केजरीवाल ने जो किया अन्ना को बता कर किया मगर बाकि लोगो ने जो किया अन्ना को पता भी नहीं था , फिर सोचने वाली बात है अन्ना को धोखे में किस ने रखा ,

आज भी अन्ना धोखे में हैं , वो नहीं जानते उनका इस्तमाल हो रहा है , जो आज अन्ना के साथ हैं उनका पुरा सच अन्ना को नहीं पता , कल जब उनकी सचाई सामने आएगी , अन्ना का जवाब होगा मुझे नहीं पता था